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Short Introduction of Psychology and Homeopathy and it's use by Modern Masters
सिगमंड फ्रायड मनोविश्लेषण (Sigmund Freud, psychoanalysis) के जनक थे पर उनकी सभी सिद्धांत कामुकता(theory sexuality) के आसपास घूमा करती है बहुत से लोगों को उस सिद्धांत (theory) को अपनाना
(adopt) आसान होगा क्योंकि अभी का जो समाज है उसमें उसी तरह की विकृतियाँ आ गयी है
जबकि उनके समकालीन कार्ल जंग (Carl Jung) भारतीय दर्शन से बहुत ज़्यादा प्रभावित थे।
कार्ल जंग(Carl Jung) से प्रभावित ई.सी. व्हिटमोंट(E.C. Whitmont) ने जुंगियन
मनोविज्ञान के प्रकाश में होम्योपैथी पर निबंध( essay on homeopathy in the light of jungian psychology) लिखा....
उनके आगे के लेखकों जैसे
फ़िलीप बेली (Phillip bailey) ने फ्रायड(Freud )और जंग(Jung) दोनों को अपनाया उन्होंने सल्फर (sulphur) पढ़ाते समय जंग (Jung) के प्रतीकात्मक अवधारणा(symbolism concept) को उपयोग(use) किया , आर्सेनिक एल्बम(Arsenic album) मै वो फ्रायड( Freud) के गुदा प्रतिधारण
(anal retention) सिद्धांत (theory) का इस्तेमाल करते हुए दिखते है…….
फ़िलीप बेली के समकालीन प्रफुल्ल विजयकर सर ने अब्राहम मेस्लो (abraham Maslow) के जरूरत के पदानुक्रम( hierarchy of need) का काफ़ी इस्तेमाल अपने व्याख्यान में शुरू किया
जिसके झलक उनके व्याख्यान में अभी भी दिखती है ,बीच मै लगभग 2009 के क़रीब मै उन्होंने रॉबर्ट स्टर्नबर्ग( Robert Sternberg) के प्यार का त्रिकोणीय सिद्धांत (triangular theory of
love) को पढ़ाया पर उसका दायरा बहुत छोटा था , बाद के सालों मै उन्होंने इस सिद्धांत को पढ़ाना बन्द कर दिया।
फिर विजयकर सर ने तैत्तिरीय उपनिषद के पंचकोश के सिद्धांतों को अपने व्याख्यान में शामिल किया जो अभी भी उनके व्याख्यान में रहता है….
इन सिद्धांतों के आधार पे हम किसी होम्योपैथी मेडिसिन के विकास को समझ सकते है
फ्रायड(Freud )और जंग(Jung) दोनो इस बात पे सहमत थे की बच्चें के विकास में और उसमें आने वाली मानसिक बीमारियों के लियें माँ ज़िम्मेदार होतीं है
उदाहरण के लिए अत्यधिक सुरक्षात्मक मां( overly protective mother) कि female(बेटी) सन्तान या तो अपने माँ के अति प्यार से अति नारी के गुणो आ जाती है और Pulsatilla के रूप में विकसित होती है......
इसके विपरीत कुछ जो घृणा करती है उस स्त्री स्वरूप से जिसके वजह से वह अस्रीवत प्लेटिना(mannish Platina) के रूप में विकसित होगी!
आगे भी जारी....
About Author
Dr.Manish Mishra
B.H.M.S.(Classical homooepath)Lucknow
Short Introduction of Psychology and Homeopathy and it's use by Modern Masters

